NTPC को मिली ₹20,000 करोड़ की मंजूरी – हरित ऊर्जा निवेश में भारत का बड़ा कदम

a solar panels and wind turbines in front of a city

भारत सरकार ने स्वच्छ ऊर्जा और हरित भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने NTPC (नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड) को नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) परियोजनाओं में ₹20,000 करोड़ तक के निवेश की अनुमति दे दी है। यह फैसला भारत के 2070 तक “शुद्ध शून्य” कार्बन उत्सर्जन (Net Zero Emissions) के लक्ष्य और 2030 तक 500 गीगावाट (GW) गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता हासिल करने के बड़े उद्देश्य के अनुरूप है।


निवेश का महत्व और लक्ष्य

यह विशाल निवेश NTPC की सहायक कंपनी NTPC ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (NGEL) और उसकी अन्य संयुक्त उद्यमों व सहायक कंपनियों के माध्यम से किया जाएगा, जिसमें NTPC रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (NREL) भी शामिल है। यह पहले से स्वीकृत ₹7,500 करोड़ की सीमा से एक बड़ी वृद्धि है, जो NTPC को हरित ऊर्जा परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए अधिक वित्तीय लचीलापन प्रदान करेगा।

इस कदम का मुख्य लक्ष्य 2032 तक NTPC समूह द्वारा 60 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ना है। वर्तमान में, NTPC की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता लगभग 6 गीगावाट है, इसलिए यह एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य है। यह निवेश सौर, पवन और हाइब्रिड ऊर्जा जैसे स्रोतों के विकास पर केंद्रित होगा, जिससे देश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता को मजबूत किया जा सकेगा।


आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ

यह निर्णय न केवल पर्यावरणीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा, बल्कि इसके कई आर्थिक और सामाजिक लाभ भी होंगे:

  • रोजगार सृजन: नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं से निर्माण और संचालन तथा रखरखाव (O&M) दोनों चरणों में स्थानीय लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
  • बुनियादी ढाँचा मजबूत: यह बिजली के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा और पूरे देश में चौबीसों घंटे विश्वसनीय बिजली उपलब्ध कराने में मदद करेगा।
  • उद्यमिता को बढ़ावा: यह स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं, MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों) और जमीनी स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा देगा।
  • कार्बन उत्सर्जन में कमी: जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम होगी, जिससे बिजली क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद मिलेगी।
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भारत की हरित ऊर्जा यात्रा में मील का पत्थर

भारत ने पहले ही पेरिस समझौते के तहत अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (Nationally Determined Contributions) लक्ष्य से पांच साल पहले गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से अपनी स्थापित बिजली क्षमता का 50% हासिल करके एक प्रमुख मील का पत्थर स्थापित किया है। NTPC को मिला यह नया निवेश भारत की स्वच्छ ऊर्जा क्रांति को और गति देगा, जिससे देश एक स्थायी और हरित भविष्य की ओर तेजी से बढ़ सकेगा।

यह दिखाता है कि भारत सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को हरित ऊर्जा क्षेत्र में नेतृत्व करने के लिए सशक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे देश की ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरणीय स्थिरता दोनों सुनिश्चित होंगी।

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