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नया Income Tax Bill, 2025 — आसान भाषा में पूरा विश्लेषण, बदलाव और टैक्सयर से जुड़ी जरूरी बातें

Income Tax Bill 2025 — टैक्स ईयर, TDS रिफंड, डिजिटल एक्सेस (कैलेंडर, सिक्का+तीर, लॉक+क्लाउड आइकन)

नया Income Tax Bill(No.2), 2025 — एक नजर में (Intro)

केंद्र सरकार ने Income Tax Bill(No.2), 2025 लोक सभा में पेश कर इसे पारित कराया — बिल का उद्देश्य पुराना 1961 का कानून सरल बनाकर करदाता के लिये समझना और अनुपालन आसान करना है। बिल में भाषा, संरचना और कई प्रावधानों को साफ़ किया गया है ताकि विवाद और लालफीताशाही कम हो। The Indian ExpressIncome Tax India

Income Tax Bill(No.2) मे क्या मुख्य बदलाव हैं?

1) ‘Tax Year’ की परिभाषा — FY/AY समाप्त

पुरानी व्यवस्था (previous year + assessment year) हटकर अब एक समेकित tax year की व्यवस्था आई है — इसका लक्ष्य कर अनुपालन और नकदी प्रवाह को सरल बनाना है। यह बदलाव बिल के मूल ढाँचे में तकनीकी रूप से बहुत बड़ा है। Income Tax India

2) कोड छोटा और भाषा सरल

कानून की शब्दावली और आकार में कटौती: धारा-संख्या व अध्याय घटाकर और अनावश्यक प्रावधान हटाकर (sections ≈ 819 → 536; chapters ≈ 47 → 23 जैसा वर्णन) इसे पढ़ने और लागू करने में आसान बनाया गया है।

3) TDS/TCS और रिफंड में राहत

बिल में तय किया गया कि करदाता देर से ITR भरने पर भी TDS refund का दावा कर सकेगा (बिल के संशोधित प्रावधान की वजह से पहले वाले ड्राफ्ट की चिंता दूर हुई)। TDS correction statements भरने का समय भी छोटा किया गया है, जिससे संशोधन-झंझट कम होंगे।

4) इंटर-कॉरपोरेट डिविडेंड (Section 80M) पुनर्स्थापित

कई कॉरपोरेट संरचनाओं में डबल-टैक्सेशन से बचाने के लिये inter-corporate dividend की कटौती फिर से बिल में शामिल की गई।

5) MSME परिभाषा और NPO के नियम

MSME की परिभाषा MSME Act के अनुरूप की गई और NPO/धार्मिक ट्रस्टों के अनामी दान पर स्पष्टता दी गई — कुछ मामलों में छूट बनाए रखने के प्रावधान हैं।

विवादित प्रावधान: Clause 247 (डिजिटल एक्सेस पावर्स)

Clause 247 ‘virtual digital spaces’ में टैक्स अधिकारियों को पहुंच देने का प्रावधान पेश करता है — इसमें ईमेल, सोशल मीडिया, क्लाउड स्टोरेज व अन्य डिजिटल रिकॉर्ड शामिल हैं और आवश्यक होने पर पासवर्ड माँगने/ओवरराइड करने जैसी शक्तियाँ बताई गई हैं। इससे निजता और एन्क्रिप्शन सुरक्षा को लेकर कई डिजिटल-राइट्स समूह, वकील और बिज़नेस स्टेकहोल्डर चिंतित हैं। आलोचक कहते हैं कि यह पावर संरक्षित निजता के सिद्धांतों के साथ टकरा सकती है और DPDP/प्रीवेट-राइट्स फ्रेमवर्क के अनुरूप सख्त गार्डरिल्स चाहिए।

विधायी रास्ता और टाइमलाइन

करदाताओं और व्यवसायों के लिए क्या तैयारी करनी चाहिए?

  1. अकाउंटिंग/सोफ़्टवेयर अपडेट: ‘tax year’ में बदलाव के वजह से अकाउंटिंग सिस्टम और ERP/बही-खाते अपडेट करना ज़रूरी होगा। Income Tax India
  2. डिजिटल रिकॉर्डिंग और लॉगिंग: Clause 247 की पावर के मद्देनज़र डिजिटल-पर्यावरण में रिकॉर्ड-कीपिंग, एन्क्रिप्शन पॉलिसी और एक्सेस-लॉग साफ़ रखें। Lexology
  3. नियोक्ताओं/फाइनेंशियल टीमों को TDS/TCS नियमों के नये समय-सीमाओं के अनुरूप ट्रेनिंग दें। TaxTMI
  4. NPOs और MSMEs: परिभाषा-बदलावों की समीक्षा कर लें और अनामी दान/अन्य छूटों पर नई प्रक्रियाएँ अपनाएँ। Income Tax India

FAQs

Q1: क्या यह बिल अभी पूरी तरह कानून बन चुका है?

A: लोकसभा से बिल पारित हो गया है; अब राज्यसभा और राष्ट्रपति की प्रक्रिया/प्रमाणन आदि पर निर्भर करता है — पढ़े गए समाचार के अनुसार लोकसभा ने बिल मंजूर कर दिया।

Q2: नया tax year कब से लागू होगा?

A: बिल की प्रस्तुति और पीआरएस की प्रकाशित प्रति के अनुसार लागू-तिथि क्लॉज़ में उल्लेख है; विस्तृत प्रारूप और लागू-तिथि बिल/अधिनियम के अंतिम प्रकाशन पर निर्भर करेगी — मूल बिल के टेक्स्ट में tax year की परिभाषा शामिल है।

Q3: क्या TDS रिफंड के नियम सभी मामलों में लागू होंगे?

A:संशोधन से सामान्यतः रिफंड के दावे पर नरमी आई है, पर कुछ श्रेणियों व प्रक्रियाओं के लिए नियम बने रह सकते हैं — विस्तृत प्रक्रियाओं के लिए CBDT/आधिकारिक दिशानिर्देश देखें।

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