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बेंचमार्क इंडेक्स की स्थिति:
- Nifty 50: मामूली गिरावट के साथ 24,565.35, जो 0.82% (203 अंक) की गिरावट दर्शाता है।

- BSE Sensex: 80,599.91 पर बंद हुआ, 0.72% (585–586 अंक) की कमजोरी के साथ।

सप्ताह भर का ट्रेंड:
यह लगातार पांचवां सप्ताह है जब दोनों सूचकांक लाल निशान में बंद हुए, जिसमें Nifty 270 अंक और Sensex 860 अंक सिकुड़ा है ।
प्रमुख कारण और बाजार पर दबाव
1. अमेरिकी टैरिफ (महंगाई) का एलान
- अमेरिका की तरफ़ से भारत सहित अन्य देशों पर 25% टैरिफ की घोषणा, भारत से निर्यात पर प्रभावी, ने निवेशकों में अनिश्चितता पैदा की। वैश्विक व्यापार तनाव के चलते मार्केट पर दबाव बढ़ा।
- समय निजी अरबों डॉलर की विदेशी पूंजी निकासी (FII outflows) और डॉलर के मजबूत होने की वजह से कमजोर मुद्रा‑सेंसेटिव सेक्टर्स पर दबाव और बढ़ा।
2. कमजोर ग्लोबल संकेत
- वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंकाएं, विशेष रूप से अमेरिका और चीन की धीमी वृद्धि दरों से निवेशक सतर्क रहे।
3. नकारात्मक कॉरपोरेट अर्निंग और तकनीकी सेल‑ऑफ
- Sun Pharma जैसे फार्मास्युटिकल कंपनियों की कमज़ोर तिमाही आय रिपोर्ट के बाद ज़्यादा घटे, बदली रेटिंग्स ने फार्मा सेक्टर को विशेष रूप से प्रभावित किया (4% तक गिरावट) ।
- टेक्निकल इंडिकेटर्स (जैसे bearish momentum) ने ताज़ा खरीदारी को रोका, जिसे बेचने की प्रवृत्ति ने और तेज किया।
4. मध्य और छोटे स्केल शेयरों में बिकवाली
- BSE Mid‑Cap में लगभग 1.37%, और Small‑Cap में 1.59% तक गिरावट दर्ज की गई, जो कि बाजार विश्वास में गिरावट का संकेत है।
सेक्टर्स और टॉप स्टॉक्स का विश्लेषण
- Positive प्रदर्शन: Hindustan Unilever (HUL) ने मजबूत Q1 प्रदर्शन और Goldman Sachs द्वारा अपग्रेड के कारण ≈4% की बढ़त बनाई।
- Negative प्रदर्शन:
- Sun Pharma: कमजोर परिणामों के कारण लगभग 4% तक गिर गई।
- Tata Steel: दिनभरीय में 3.04% की गिरावट दर्ज की गई, Sensex की गिरावट से ज़्यादा प्रभावित हुआ
निवेश के नजरिये से सलाह
सावधानी बरतें:
- ख़ास तौर पर ट्रेड युद्ध तनाव, विदेशी पूंजी बहाव, और गैर‑दमदार परिणामों के बीच, निवेशकों के लिए सतर्क रहना ज़रूरी है।
तकनीकी स्तर:
- अगर Nifty decisively 24,600 के नीचे टूट गया, तो अगले समर्थन स्तर 24,400 या उससे भी निचले 24,000 क्षेत्र की ओर गिर सकता है
दीर्घकालीन निवेशकों को क्या ध्यान में रखना चाहिए?
- कुछ बड़ी कंपनियों जैसे HUL, Nestlé, Reliance जैसे मजबूत फंडामेंटल वाले लाभदायक कंपनियों पर नजर रखें।
- SIP‑निवेशकों के लिए फ़र्क़ अधिक नहीं बल्कि समय ही मायने रखता है—विचार करें कि संभावित गिरावटें समय‑समय पर लाभदायक भारित खरीद अवसर भी हो सकती हैं।
निष्कर्ष
- 1 अगस्त 2025 को भारतीय शेयर बाजार ने Nifty में –0.82% और Sensex में –0.72% की गिरावट दर्ज की।
- गिरावट के प्रमुख कारणों में अमेरिकी टैरिफ, विदेशी निवेशकों की निकासी, कमज़ोर वैश्विक संकेत, और विशेष रूप से फार्मा एवं मिड/स्मॉल कैप सेक्टर्स में बिकवाली शामिल हैं।
- अगर गिरावट बनी रहती है, तो अगली कड़ी समीक्षा 24,400 और नीचे के स्तरों पर ज़रूरी होगी।
आगे के लिए सुझाव:
- अगला Q1 earning सत्र, अमेरिकी व्यापार नीति में बदलाव, और RBI के बयान पर ध्यान दें।
- तकनीकी रूप से ध्यान रखें—EMA/200‑day MA की स्थिति, RSI divergences, आदि।
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