आज 18 जुलाई 2025 को भारतीय शेयर बाज़ारों में गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशकों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ दिखीं। दिन के अंत में, निफ्टी और सेंसेक्स दोनों ही लाल निशान में बंद हुए, जो मौजूदा बाज़ार sentiment में बदलाव का संकेत देता है।
आज की क्लोजिंग प्राइस (18 जुलाई 2025):
- निफ्टी 50: 24,968.40 पर बंद हुआ, जो पिछले बंद से 143.05 अंक (0.57%) नीचे है।
- सेंसेक्स: 81,757.73 पर बंद हुआ, जो पिछले बंद से 501.51 अंक (0.61%) नीचे है।
गिरावट के प्रमुख कारण: क्यों घबराए निवेशक? 🤔
आज की बाज़ार गिरावट के पीछे कई महत्वपूर्ण कारक रहे, जिन्होंने मिलकर निवेशकों के आत्मविश्वास को हिला दिया:
- कमज़ोर Q1 आय के रुझान: अप्रैल से जून तिमाही (Q1) के शुरुआती कॉर्पोरेट नतीजे उम्मीद से कमज़ोर रहे हैं। कई कंपनियों का प्रदर्शन बाज़ार के अनुमानों से नीचे रहा, जिससे कमाई वृद्धि को लेकर चिंताएं बढ़ीं।
- विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की बिकवाली: मई और जून में भारतीय बाज़ारों में मजबूत निवेश के बाद, जुलाई में विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) शुद्ध बिकवाल बने हुए हैं। उनकी लगातार निकासी भारतीय इक्विटी पर दबाव डाल रही है।
- एक्सिस बैंक का अप्रत्याशित प्रदर्शन: एक्सिस बैंक के तिमाही मुनाफे में अप्रत्याशित गिरावट ने वित्तीय शेयरों में तेज बिकवाली को बढ़ावा दिया। यह बाज़ार के एक बड़े हिस्से के लिए निराशाजनक संकेत था।
- सिटी द्वारा भारत की रेटिंग में कटौती: ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म सिटी ने भारतीय इक्विटी की रेटिंग ‘ओवरवेट’ से घटाकर ‘न्यूट्रल’ कर दी है। उनका तर्क है कि भारतीय बाज़ार अभी भी महंगे मूल्यांकन पर कारोबार कर रहे हैं, जो साथियों और अपने ऐतिहासिक औसत से ऊपर है।
- वैश्विक अनिश्चितताएं और अमेरिकी फेडरल रिजर्व: अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अगले कदमों को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। जुलाई के अंत में दरों में कटौती की संभावना कम है, और सितंबर की कटौती की संभावना भी केवल 62% है, जिससे वैश्विक स्तर पर जोखिम से बचने का माहौल बना हुआ है।
- बढ़ती कच्चे तेल की कीमतें: उत्तरी इराक में ड्रोन हमलों के बाद कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आई है। भारत जैसे तेल आयात करने वाले देशों के लिए यह चिंता का विषय है, क्योंकि इससे इनपुट लागत का दबाव बढ़ सकता है और महंगाई बढ़ने की आशंका पैदा हो सकती है।
- भारत-अमेरिका व्यापार सौदे पर अनिश्चितता: भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर चल रही अनिश्चितता भी निवेशकों को सतर्क कर रही है।
निवेशकों के लिए आगे की राह: क्या करें अब? 💡
बाज़ार में गिरावट के दौरान निवेशकों का चिंतित होना स्वाभाविक है। हालांकि, ऐसे समय में शांत रहना और भावनात्मक प्रतिक्रियाओं से बचना बेहद ज़रूरी है।
- घबराहट में बिक्री से बचें: बाज़ार की गिरावट अक्सर अस्थायी होती है। जल्दबाजी में निर्णय लेने से नुकसान हो सकता है।
- पोर्टफोलियो की समीक्षा करें: देखें कि किन क्षेत्रों और शेयरों पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है। क्या आपकी निवेश रणनीति अभी भी सही है?
- विविधीकरण (Diversification) महत्वपूर्ण है: अपने निवेश को विभिन्न क्षेत्रों और परिसंपत्ति वर्गों में फैलाएं ताकि किसी एक सेक्टर की गिरावट का आपके पूरे पोर्टफोलियो पर बड़ा असर न पड़े।
- दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाएं: बाज़ार में गिरावट अक्सर उन निवेशकों के लिए खरीदने का अवसर होती है जो दीर्घकालिक लक्ष्यों के साथ निवेश करते हैं। मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों में निवेश करने का यह अच्छा समय हो सकता है।
आज की गिरावट ने निवेशकों के लिए एक बार फिर जोखिम प्रबंधन और अनुशासन के महत्व पर जोर दिया है। बाज़ार अस्थिर रह सकता है, लेकिन सही रणनीति के साथ आप इन चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।
#StockMarketUpdate #18July2025 #Sensex #Nifty #ITStocks #AutoSector #ShareMarketNews #BSE #NSE #MarketToday #InvestingTips #StockNews

My name is Ravi Sharma. I am a content creator who shares the latest news from India and around the world, along with updates on automobiles, technology, tech news, and inspirational stories.