आज, 21 जुलाई, 2025 को भारतीय शेयर बाजार ने दो दिनों की गिरावट का सिलसिला तोड़ते हुए मजबूत वापसी दर्ज की। मुख्य सूचकांक, सेंसेक्स और निफ्टी, दोनों हरे निशान में बंद हुए, जिसमें बैंकिंग शेयरों का विशेष योगदान रहा। वैश्विक संकेतों के मिले-जुले रहने और पहली तिमाही की आय के इर्द-गिर्द उम्मीदों के बीच बाजार ने आज सकारात्मक रुख दिखाया।
बाजार का प्रदर्शन:
सुबह की हल्की गिरावट के बाद, बाजार ने तेजी पकड़ी और दिन भर मजबूती बनाए रखी। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 442.61 अंक या 0.54% की बढ़त के साथ 82,200.34 पर बंद हुआ। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का बेंचमार्क निफ्टी 50 भी 122.30 अंक या 0.49% की वृद्धि के साथ 25,090.70 पर पहुंच गया, जो 25,000 के महत्वपूर्ण स्तर के ऊपर बंद होने में कामयाब रहा।
मजबूती के प्रमुख कारण:
आज बाजार को मुख्य रूप से बड़े बैंकों के बेहतर तिमाही नतीजों से समर्थन मिला। HDFC बैंक और ICICI बैंक के पहली तिमाही के नतीजे उम्मीद से बेहतर आने के बाद इनके शेयरों में अच्छी तेजी देखने को मिली, जिससे पूरे बैंकिंग और वित्तीय सेवा क्षेत्र को बढ़ावा मिला। निफ्टी बैंक और निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज सूचकांकों में 1% से अधिक की बढ़त दर्ज की गई।
इसके अलावा, कुछ अन्य कंपनियों के तिमाही नतीजों ने भी बाजार को सहारा दिया। Eternal के शेयरों में 7.50% की जोरदार तेजी दर्ज की गई, जिसने बेंचमार्क सूचकांकों की रैली में महत्वपूर्ण योगदान दिया। धातु क्षेत्र भी आज मजबूत रहा, निफ्टी मेटल इंडेक्स 1.03% ऊपर रहा।
निराशाजनक प्रदर्शन और बाजार पर दबाव:
हालांकि, बाजार की समग्र तेजी के बावजूद कुछ बड़े शेयरों में गिरावट भी देखी गई, जिसने gains को सीमित किया। देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के शेयर में 3.24% की गिरावट दर्ज की गई, बावजूद इसके कि कंपनी ने अप्रैल-जून तिमाही में अपना अब तक का सबसे अधिक तिमाही लाभ दर्ज किया। TCS, ITC और हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) जैसे अन्य दिग्गज शेयर भी आज दबाव में रहे।
एफएमसीजी और आईटी जैसे कुछ सेक्टरों में भी गिरावट देखने को मिली। वैश्विक स्तर पर अमेरिका और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार शुल्क को लेकर चल रही बातचीत और संभावित डोनाल्ड ट्रंप शुल्कों की चिंता भी बाजार पर एक हल्का दबाव बनाए हुए थी।
व्यापक बाजार का हाल:
व्यापक बाजार में, बीएसई मिडकैप इंडेक्स 0.55% की वृद्धि के साथ बेंचमार्क इंडेक्स के अनुरूप रहा, जबकि बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स लगभग सपाट बंद हुआ, जिसमें थोड़ा नकारात्मक पूर्वाग्रह था।
एडवांस-डिक्लाइन रेशियो पर नजर डालें तो, बीएसई पर कारोबार करने वाले कुल 4,327 शेयरों में से 1,959 शेयरों में तेजी आई, जबकि 2,188 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। लगभग 180 शेयर अपरिवर्तित रहे। यह दर्शाता है कि बाजार की बढ़त कुछ चुनिंदा बड़े शेयरों के दम पर थी, जबकि व्यापक बाजार में मिला-जुला रुझान देखने को मिला।
निवेशकों का रुख और आगे की राह:
जानकारों का मानना है कि बाजार अब पूरी तरह से आने वाली तिमाही नतीजों पर केंद्रित है। कंपनियों के आय आंकड़े बाजार की आगे की दिशा तय करेंगे। मौजूदा ऊंचे मूल्यांकन को देखते हुए बाजार में कुछ और समेकन की उम्मीद है। हालांकि, मजबूत कंपनियों के बेहतर प्रदर्शन से बाजार को समय-समय पर समर्थन मिलता रहेगा।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) का रुख मिला-जुला रहा है। जुलाई में उन्होंने द्वितीयक बाजारों से ₹11,066 करोड़ निकाले हैं, जबकि प्राथमिक निर्गमों में ₹27,239 करोड़ का प्रवाह हुआ है। घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने हालांकि बाजार में खरीदारी जारी रखी है।
निष्कर्ष:
कुल मिलाकर, 21 जुलाई, 2025 को भारतीय शेयर बाजार ने बैंकिंग दिग्गजों के मजबूत तिमाही नतीजों के दम पर वापसी की। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों महत्वपूर्ण स्तरों के ऊपर बंद होने में सफल रहे, जिससे निवेशकों में कुछ राहत दिखी। हालांकि, रिलायंस जैसे बड़े शेयरों में गिरावट और वैश्विक व्यापार चिंताओं ने कुछ हद तक बाजार की तेजी को सीमित किया। आने वाले दिनों में और कंपनियों के तिमाही नतीजे बाजार की चाल को प्रभावित करेंगे।
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