अब हर बैलेंस चेक पर होगी नज़र! 1 अगस्त से लागू हुए नए UPI नियम

Graphic showing new Banking & UPI rules from August 1, 2025. Left: old phone with unlimited UPI. Right: new phone with balance check limit and autopay timing. Includes icons for bank, clock, security, and UPI.

बैंकिंग कानून (संशोधन) अधिनियम‑2025

  • 19 प्रमुख संशोधन: RBI अधिनियम, बैंक विनियम अधिनियम, SBI अधिनियम और सहकारी बैंक नियमों में बदलाव।
  • “पर्याप्त हित” की सीमा: ₹5 लाख से बढ़ाकर ₹2 करोड़ कर दी गई।
  • निदेशकों का कार्यकाल: सहकारी बैंक के निदेशकों के कार्यकाल को 8 साल से बढ़ाकर 10 साल किया गया।

UPI के नए दिशा-निर्देश (NPCI द्वारा लागू

  1. बैलेंस चेक की सीमा
    • प्रति ऐप रोज़ाना अब 50 बार से अधिक बैलेंस जांच नहीं कर सकते।
    • बैकग्राउंड बैलेंस रीक्वेस्ट अब प्रतिबंधित।
  2. लिंक अकाउंट API लिमिट
    • दिन में 25 बार तक ही लिंक किए गए खातों की सूची देखी जा सकती है।
  3. ऑटोपे (Recurring Payments)
    • ताजा समय सीमा: सुबह 10 बजे से पहले, दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे, और रात 9:30 बजे के बाद ही ऑटोपे पेमेंट होंगे; मुख्य पीक आवर्स (10–1am और 5pm–9:30pm) में निषिद्ध।
    • हर ऑटोपे ट्रांजेक्शन के लिए 1 मुख्य + 3 रिट्राई (कुल 4 प्रयास) की अनुमति।
  4. ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक की संख्या
    • यदि कोई ट्रांजैक्शन Pending है, तो आप इसे अधिकतम 3 बार चेक कर सकते हैं, हर चेक के बीच 90 सेकंड का अंतर अनिवार्य।
  5. पेय-ee (Recipient) का नाम दिखना अनिवार्य
    • पैसे भेजने से पहले स्क्रीन पर प्राप्तकर्ता का बैंक और नाम दिखेगा, जिससे गलत ट्रांजेक्शन की संभावना कम होगी।

बैंकिंग सर्विसेज और शुल्क

  • ICICI बैंक ने कुछ UPI लेनदेन पर शुल्क लगाना शुरू किया – 0.02% से 0.04%, अधिकतम ₹6‑₹10 प्रति लेनदेन तक। यह भुगतान ऍग्रीगेटर्स और संभावित रूप से उपयोगकर्ताओं के लिए प्रभावी हो सकता है।
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आपके लिए क्या मतलब है?

  • अब आप UPI ऐप्लिकेशन के ज़रिए अनंत बैलेंस चेक नहीं कर सकते — 50 बार की कट-ऑफ है।
  • कड़ी API उपयोग नियंत्रण, जैसे अकाउंट व्यू लिमिट और चरणबद्ध ऑटोपे।
  • ऑटोपे सफल होने की गारंटी नहीं, सीमित रिट्राई के कारण कुछ भुगतान विफल भी हो सकते हैं।
  • सुरक्षा मजबूत हुई — पहले नाम डिस्प्ले, कम सिस्टम ओवरहेड, बेहतर यूज़र अनुभव।

यह सभी नियम NPCI द्वारा 21 मई 2025 को जारी निर्देशों के आधार पर लागू किए गए थे, और 1 अगस्त 2025 से प्रभावी हैं। UPI ऐप प्रदाताओं (जैसे GPay, PhonePe, Paytm आदि) को 31 जुलाई तक पूरी तरह तैयार होना अनिवार्य था। Navbharat Times

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